अटवारि कलक पटा नै रहे || Atwari kalak pata nai rahe
छोटछोट रहल बेलक बाट हो । अटवारि कलक पटा टे नै रहे अटरे पटा रहे अटवारि टिह्वार मे मेरमेरिक खेना चिज बनैठै ओ खाइ मिलट । जबे जबे टिह्वार आइ लागे टे महा खुशि लागे लावा लवा झुल्वा घालक मिले अइसे बेर फाटल चिंठल मैलाइल लुगरा घल्लक् टिह्वार मे लावा घालक मिले उहे फेन एक डु रोज किल फेन निकारके डाइ ढोके ढार डेहे ।
टिह्वार कलक फेन पटानै रहे अत्रे जानू मिठमिठ खाइ मिलट् । जब टिह्वार आए गाउँक घर घर फुलौरि, बरिया, पुरी, खुर्मा, खेरिया, हलुवा खाइ मिले । एक चिजिक किल नाहि कि टमाम मेरिक स्वादमे । चौरक फुलौरि, बेसनके फुलौरि, मैडक् फुलौरि, गहँक पिठक फुलौरि अस्टके खेरिया फेन टमाम मेरिक कोइ साडा पिठक टे कोइ उरडक् खेरिया । पुरि- बरिया फेन अन्डिक बरिया, चौरक बरिया, मैक बरिया, गहुँक पिठक बरिया कोइ बरया गुरि टे साडा । अस्टके मोरसक भुजा, चानक गुडा, मट्रक गुडा, उरडक् गुडा । टिना टावन मे फेन मच्छि सिकार से लेके टमाम मेरिक खान पिन खाइ मिले ।
इ हे सक्कु चिज अग्रासन अइले से खाइ मिले ढेर ठाउँक अग्रासन जुटे उ बेला । एक बाट मजा लागे कि सब जे अपन टरफ से मिठे बनैना खोसिस कैके अग्रासन पठैना करिट काहे कि अग्रासन प्रटक्ष मैयक अग्रासन रलक मारे हुइ जोन खैना पिनापिना चिज से लैहरिक ओ ससरारिक सम्बन्ध मजा करैना के संगे भोज करल चेलि बेटिन बरस मे असिके एक चो खओइना टिह्वार एहे अटवारि किल बा । ओरे टिह्वार मे चेलिबेटिन खाइक गोचार जाइट । एक ठो टिह्वार मे नै मजा छाप परैना चाल महि मन नै परना ढेर किके झग्गर कर्ना इ झग्गर कर्नासे मजा रह रंगि कर्ना एक डोसर हे हँसैना नच्ना नचैना, गैना गओइना ओ सब जहनसे मजा सम्बन्ध बनैले से कत्रा मजा हुइने रहे मने इ पिके छाटि फुलाके अंगरि डेखाके सबके सामु अकेलि मै हु कना बरे बेकार लागट । अटवारि मजा सम्बन्ध बनाइ आइट ओ जाइट ।
संगम चौधरी...✍️
0 टिप्पणियाँ