ससरार घर || Sasrar Ghar


ससरार घर || Sasrar Ghar


जुगुर जुगुर चुल्हामे आगि बर्टि रहठ । सन्ढया घरि घरि चुल्हम लकेरल काठिहे ठिट्कोर्ठि । कोनम लर्काहे लेके छाटिक डुढमे लगाके पसग्गा अगोर्ले आगि हेर्टि रठि । आँखिमसे आँस बहके गाल पुगल रठिन । घर सुनसान भवाइल भवाइल लग्ना । कारण अविनास उ घरेमसे सडाके लाग बिडा लेके गैसेकल रहिट ।



सन्ढया जिन्डगिक एक एक पलहे सम्झठि । उ डिनके जोन डिन अविनासके बाबा सन्ढयाहे अपन पटुहिया बनाइक लग मागे आइल रहिन । सन्ढयाके बाबा ओ अविनासके बाबा जाँरक खोरिया अगोरले खोपसे माँगर गैलक ओ उहे बेला सन्ढयाहे अविनासके उप्पर डेलक । यि बाट अविनासहे फेन पटा चल्ठिन ओ डुनु ओर भोजक् सामा हुइलग्ठन । बराटके उ डिन अविनास डोलामे बैठल मुस्कि मर्ठैं । पुर्खा ओइने अपन अपन ओरसे माँगर गैनामे लागल रठैं ।

अविनासहे संप्राइ बेर असिके माँगर गाइट सुन मिलठ ः




हाँसि हाँसि डुलहु भैया पगिया ना पहिरे रे सुगनामे म डिल चह्रिरे रे

डेउ डुलहु भैया माठ सिर पगिया हमहु चलबि बरियाटे ।


हाँसि हाँसि डुलहु भैया जमिया ना पहिरे रे सुगना मे डिल चह्रिरे रे

डेउ डुलहु भैया हमहुके अंगियाके जमिया हमहु चलबि बरियाटे ।


हाँसि हाँसि डुलहु भैया सटकि ना पहिरे रे सुगना मे डिल चह्रिरे रे

डेउ डुलहु भैया हमहुके सटकि हमहु चलबि बरियाटे ।


हाँसि हाँसि डुलहु भैया जुटिया ना पहिरे रे सुगना मे डिल चह्रिरे रे

डेउ डुलहु भैया हमहुके जुटिया हमहु चलबि बरियाटे ।




असिके पुर्खा ओइने माँगर गैटि सुन मिलठ । बराट जैना सारा जहनके अनुहारमे  खुसि भरल रठिन । लौवन्डि लहंगा चोलियामे संपरल बरे सुहावन बिल्गैठाँ । ओहोर डुलहि सन्ढयाके घर अंगना चैनार रठिन । बराटि डुल्हिक गाउँ पैंठटि रठैं ओ माँगर फेंन गैटि रठैं । माँगर ऐसिक गठैं 



अगुवक घोरुवा रे आगु पाछु करैरे भोजुवक घोरुवा रे बिच डाल ठाम्हे

डुलहके घोरुवा रे चले अगुवाइ साजी चलबी बरियाटे ।


बरटिया डुल्हिक गाउँ पुग्जैठै ढो ढो पो पो बाजा बोलल रहठ एक ओर माँगर फेन चलल रहठ । जब डुल्हा उ अंगनामे प्रवेश कर्ठै उहाँ मनैनके मेला लाग जाइठ । डुलहा राजा अविनासहे हेरक लाग । बराटिनके स्वागट कार्यक्रम सुरु होजाइठ । हजारौंके बगाल लेके सन्ढयाहे लेहे आइल रहिट अविनास । उहे हजारौंके नजरमे सन्ढया केक्रो पटुहिया बने जाइटहि । जब बराटि अंगनम पुग्ठै टब ऐसिक माँगर गाइट सुन मिलठ । एक ओर सम्ढि सम्ढा लग्ना कार्यक्रम चल्टि रहठ एकओर माँगर चलट ।




छेगराटे छोटे भैला, रुपियाटे खोटे भैला, डेल्वक चुनरी मलिन भैला, डुल्हक बाबै बाँढडेउ ।

छेगरा सटाइ डेबु रुपिया भँजाइ डेबु, डेल्वक चुनरी ढुवाइ डेबु, डुल्हक बाबै छोर डेउ ।


असिके सन्ढया ओ अविनासके भोजक कार्यक्रम चल्टि रठिन ।

सन्ढया अपन घर डुवार छोर्के अपन जन्म घर छोर्के । अपन डाइ बाब सारा परिवार छोर्के । सन्ढया अपन भोजक सब डृश्य हेर्टि रही । कोइ मटवार होके कोन्वम घोल्ट्याइल रहट टे कोइ गीट गाइठ टे कोइ नाचट । एक ओर अविनास ओ सारा डुलहा बगाल खानपिनमे रठैं । सन्ढया खुसि रठि अविनास जाँर डारु कुछ नै पिठैं कैक । अपन रोजल ओ खोजल जसिन डुलहा सन्ढया भेटैले रठि ।



राट बिटठ बिहान हुइठ, डुलही लेके बराट फिर्टा हुइना रहठ । डुःखके बाट डुल्हीके परिवारमे सारा जहनके अनुहार डुःखी, रुनछुन डेखा पर्ठिन । ओहोर कोभो कोभो कोन्टिम एक डोसरहे उँक्वार ले लेके रोइटि रठै । बिडाइके समय रहट । यि बेला फेनसे माँगर गाइट सुनमिलठ । 




कहाँ लग मिल्बेरी ढनियाँ कहाँ सम भेंटबे, टोरे घर परला उटेहली । चह्रो डोली डाँरा चालो अपने घरे । 

एकओर महिलनके आवाजमे असिक सुन मिलठ– ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर, ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिलिलिक सग्गे मैरी ससुरिया टुहाँर लगही ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँसम भेंटबे, टोरे घर परला उटेहली । चह्रो डोली डाँरा चलो अपन घरे ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिलिलिउ सग्गे बाबै ससुरुवा टुँहार लगहि ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोली डाँरा चलो अपने घरे ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन डाडुहे जेठन्वा टुहाँर लगही ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोली डाँरा चलो अपने घरे ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन भौजीहे जेठिन्या टुहाँर लगही ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोली डाँरा चलो अपने घरे ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन बाबुहे साली टुहाँर लगही ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोली डाँरा चलो अपने घरे ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन भैयाहे साला टुहाँर लगही ।


कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोली डाँरा चलो अपने घरे ।




अस्टके माँगर पैढारके पैढार लगाके गैटि रहिट । उहाँसे बिडाइ हुइठ । अविनास सन्ढया अपन डुलहीहे हजारौंके माझसे अपन घर नन्ठैं अपन जिन्डगीक जोरिया बनैठैं । सन्ढया फन अपन सारा जिन्डगी अविनासहे सौप डेठिन । अविनासके उक्वारमे सुटके अपन मनक बाट कर्ना कर्ठि । अविनास यि जिन्डगीक खेल जाने नै सेक्जाइठ । कब कहाँ कहाँ पुगा डेहठ कोइ जाने नै सेकठ । मै सोच्ले फेन नै रहुँ मै टुँहार जीवन जोर्या बनम ओ असिके हम्रे एक होप । मै इ घरक पटुहिया बनम सोच्ले फेन नै रहुँ । 



अविनास टुँ टे महि केवल संघरियाके नाटासे हेर्ना करो ना । अचानक कसिके हम्रे एक परिवार बने पुग्लि  । टर अविनास स्कुलमे कार्यक्रमके बेला टुहाँर प्रटिभा मोर मनहे छुलेहे । टुँ अपन कलासे साहिटय रचनासे ढेर जहनके मन जिट सेक्लो । हजारौं जहनहे टुँ खुसि पारे सेक्ठो । अविनास मै भगवानसे मागु कि मोर पटि टुहाँर जस्टे होए । टर मोर भाग्य टुहिन पैना रहे । अविनास मै मनमे सोंचु मै अपन पटिके जिन्डगि भर सेवा करम सु:खमे डु:खमे फेन हरडम साठ डेम । मै अपन ज्यानसे लरम सोंचु । आज मै अपन चाहल जसिन पटि भेंटैले बटु कैक सन्ढया अविनासके उक्वारमे सुटल सुनाइन ।



अविनासके डाइ बाबा घरक मनै फेंन सन्ढया जसिन पटुहिया भेंटाके खुसि रठैं । सन्ढया काम कर्नाहा सारा घरक काम उसर्ले रना रहन । रात्ति उठ्ना खैना पिना टयार कर्ना, मुर्गी चिङ्गना, गोरु डांगर हेर्ना, गोबर कहर्ना, अंगना घर बहर्ना सारा काम उसर्ना कर्ठि सन्ढया । बहुट सुःख शान्टि परिवार रठिन ।




डिन अस्टे बिट्टि जैठिन जब सन्ढया डुइ जीउक होजैठि । टब शरिर लुज हुइ लग्ठिन । आराम कर्नास लग्ठिन टर सन्ढया पाइ पर्ना सेवा आराम पाइ नै सेक्ठि । कारण परिवारम काम कर्ना मनै नैरलक ओरसे । टर सन्ढयाके ससुइया बरे मजा रठिन । डाइ बाबाके एक्कठो छावा अविनास केल रठैं । सन्ढयाके सास कठिन पटुहिया टैं मोर छाइ जस्टे हुइटे । मै छाइ ट पाइ नै सेक्नु टबे आज महि टुहिन अपन छाइ जस्टे लागठ । मै फेन एक डिन टोर जस्टे अपन घर, अपन डाइ बाबा, अपन जल्मलक गाउँ छोर्के इ घर अइनु । मै फेंन इ घरक पटुहिया हुँ । ओ मोर पटुहिया टैं बन्ले । मै फेन एक डिन टोर जस्टे इ घरेम लौव अइनु टे काम नै जानु पुछे परे । नै जानु टे कहुवा मिले । आनक घर ठरुवा लेके हजार बाट सुने परट, ओ सहे परठ । मनेम चोट लागट डुःख लागट । घरक याड आइट डाइ बाबनके याड आइट । घरे अपन मनपर्डि घुम्लक खेल्लक जीउ भोज कर्लेसे कहाँ करे मिली । सस्सार अइलेसे यहाँक बाट माने पर्ना रहठ । सास ससुरुवक अपन श्रीमान्के (ठरुवक) अढिनमे रहे पर्ना रहट । सब जहनके सेवा करे पर्ना रहट । पटुहियक भूमिका यहे रहट । कैक सन्ढयाके ससुइया सम्झैटि रठिन । ओ कठिन मै फेन टोर जस्टे डुइ जीउक हुइनु । अविनास पेटेम रहे उहिसे पहिले बहुट लर्का बचाइ नै सेक्नु कामक कारण नोडुर–नोडुर भर्वा उठैना खानपिन मजासे खाइ नै पैना के ओरसे बहुट लर्का ओरैलै । पटुहिया टै चिन्टा नाकरिस । अपन सेक्ना काम करिस । जिउसे उप्पर काम ना किरस । खैना चिज खैटि रहिस । बिसैना समय बिसाइस अपन ज्यूक ख्याल ओ बच्चक ख्याल करिस कैक सन्ढया हे सम्झैटि रठिन ससुइया ।



सन्ढया हन बहुट मैया कर्ठिन ओ बहुट ख्याल कर्ठिन । अपन छाइ जस्टे मन्ठिन सन्ढया हे । सास, पटोरके सम्बन्ढ बरे मजा रठिन । असिन सम्बन्ध कि जोन सग्गे छान संग रहट । 

ओस्टे मैयाँ जोन सग्गे छाइन संग रहट । सन्ढया के ससुइया हे पटा होसेकल रठिन छाइनके जिन्गि कसिन हो । एक रोज अने छाइ हे पटुहिया बने जाइ पर्ठिन । सब कुछ भोगल ओ बुझल रठन ससुइया । ओहे मारे अपन पटुहिया हे बहुट मैयाँ करिन । अपन छाइ जस्टे मानके संगे कामेम  लाग्डेना ओ मिठ मिठ बाट करके हँसैले रना । टिह्वार अइलेसे ससुइया पटुहिया नछुनिया बनजाँइट ओ ससुरवा जुन मन्डरिया । सबजे छक्क परजाइन इ सम्बन्ध डेख्के । गाउँमे सब्से  खुशि, मिलनसार, शान्टि परिवारके नमुना रठिन ।




सन्ढयक ससुइया फेन एक रोज अपन घर डुवार छोर्के डाइ बाबा ओ जलमल गाउँ छोर्के रोइटि आनक गाउँ पटुहिया बन्के आइल रहिन । पराइ घर लौलि मनै काम नै जन्ठैं । कवाइल अनखोर लग्ना, पुछपुछ के करे पर्ना । कौनो काम नै जन्लेसे बिग्रक डरैना ओ डराडरा कर्ना । अचानक कौनो काम बिगर गैलेसे कहुवा पैना । कहु फेन जैना हुइलेस डराडरा पुछ्ना । लैहर रमैलक् , घुम्लक् जिउ ससरार अाके बाँढल हस लग्ना, मजासे घुमे रमाइ फेन नै पेैना ।  अपन लैहर से लेके पतुहिया नानट समके अनुभव करसेकल रहिन सन्ढ्यक ससुइया । यहे मारे अपन पटुहिया सन्ढ्या हे बहुत मैयाँ ओ रेखडेख पिरमार्का बुझ्के अपन कोखके लर्का हस व्यवहार करिन । सन्ढ्यक ससुइया हे पतारहिन पतुहिया कना घरक मुख्य अंग हुँइतै । पतुहिया नै रहिते परिवार कसिक बनी । घर डुवार के सहेरि । ससुइया पतुहियाके जिम्मा बराबर हो । ससुइयक फेन उहे डग्गर जिन्गिक यात्रा सुरु हुइल रहिन ओ पतुहिया फेन ओहे घर । सब कुछ बुझके ससुइया सन्ढ्याहे  हरपल खुशि करैले रना चाहिन । ओहे मारे ससुइया पतुहिया नचुनिया बन्जिना कलेसे ससरुवा मन्डरिया । घर घरके नाच सुरुकरे भिरजाँइत । अस्तके उ परिवारमे खुशि अाइल रहिन । सन्ढ्या डुइ जिउक् होसेकल रहिन । हँस्ठा रमैठा सास पटुहिया । हँस्टि रमैटि समैमे अचानक अविनासके मोटर साइकल डुर्घटनामे पर्के अस्पटालमे बटाँ कना खबर सुनके डुनु जहनके खुशी पल भरमे हेरा जैठिन । जबे लग्गन टबे हग्गन कहेहस । एकओर सन्ढयाहे व्यठा लग्ना बेला ओहोर अविनास अस्पटालमे मृटयुके सँग  लरटहिन । एक ओर सन्ढया छावा जन्मैठि एकओर अपन श्रीमान्हे गुमैठि ।



अविनासके मृटयुके खबर पाके सन्ढया चिल्लाइ पुग्ठि ओ जोरजोरसे रोइ लग्ठि । सन्ढया अपन जिन्डगी उज्रल महशुस कर्ठि । टर फेन अपन ससुइयाके मैया पाके ओ छुटिमुटि बच्चा अविनासके मैयाके पहिलो पहुराके ख्याल कर्ना बहै्रना ओकर भविष्य बनैना ओ डाइक जिम्मेवारी पूरा कर्ना सोंच्ठि । अविनासके एक-एक बचनहे समझके सन्ढया उहे घरेम जिना उहे घरेम मुना अपन सास ससुइयाके हेरचाह कर्ना कैक बचन डारडेठिन ।




सन्ढया सुख–डुःखमे अपन ससुइयक माया साठ पैठि रठि । एकठो डाइके मैयाँ जस्टे ससुइयाके मैयाँ पाके घरसे कहु नै जिना निर्णय करलेठि । इ बाट सुनके सन्ढयाके सास ससुर्वा खुशी हुइठैं । ओ खुशीके आँसु गिरजैठिन ओ सन्ढयाहे अपन छाटिम लगाके रोइलै काहेकि छावा कलक छाइ कलक उहे सन्ढया रहिन ।


सन्ढयाहे अविनासके कहल बाट याड अइठिन । सन्ढया मोर कुछ होजाइ कलसे डाइ बाबाके मजासे ख्याल कर्हो । मै ओ टुँ बाहेक इनके साहारा औरे कोइ नै हुइट । टुहाँर ओ मोर आशामे जियल बाटै । घर छोर्के कहुँ ना जैहो बिन्टि बा सन्ढया कैक अविनास कले रहिट । सन्ढया अविनासके सामु करल बाचा पूरा कर्ठि । उह घर अपन ससुइया ससुरुवाके रेखडेख कना ओ छावा विवशहे हुर्कैनामे लागजैठि ।

सन्ढया जवान रठि बीस बाइस वर्षके । सन्ढया अपन जवानीहे चोखो ढर्ले रठि । अविनासके बचन ओ मायामे जीवन बिटैटि रठि सन्ढया । टर सन्ढयाके ससुइया ससुरुवाहे सन्ढयाके अकेली रना ओ जिन्डगी कटैना कर्रा डेख्के मजा नै लग्ठिन । ओ डुनुजे सल्लाह करलेठैं । पटुहियक लग जोरिया ओ अपन लाग छावा खोज्के लन्ना कैक । सन्ढयाके ससुइया ओ ससुरुवा सल्लाह कर्के सन्ढयाहे सुनैठा । यि बाटसे सन्ढया फेन राजी हुइठि । सन्ढया अपन जिन्डगिक लम्मा सफर सम्झठि ओ अविनासके कहल बाट याड अइठिन । डाइ बाबाके ख्याल करहो जब सम रहहि टब सम ।


सन्ढया औरे जीवन जोरियाके सँग रलेसे फेन अविनासके मैया भरल शब्ड ओ अविनासके बचनके पालन कर्ठि । अविनास अपन जलमडेना डाइ बाबाहे बहुट माया करिट ओ आडर सम्मान करिट । ओ बनैनावालाहे हरडम ढन्यवाड डेना करिट । ओ कना करिट यि डुनिया हमार डुइ डिनके घर हो । हम्रे यहाँ पहुनी खाइ आइल जस्टे बटि । आज बटि काल नै रहे सेकब । आघे पाछे एकडिन जरुर स्वर्गमे सबजे भेंट होब कैक अविनास अपन परिवारहे सम्झैना करिट ।




सन्ढयाके सास ससुरुवा एकठो छावा बनाके जीवन जोरिया बना डेले रठिन । सन्ढया ओ सुसिल एक डोसरहे अपन श्रीमान् ओ श्रीमतिके अधिकार डेना कर्ठै । ओ डुनुजे अविनासके डाइ बाबाहे अपन डाइ बाबा मानके सेवा सुसार कर्ना बाचा कर्ठै । सन्ढया ओ सुसिल छावा विवसके भविष्यके बहुट ख्याल कर्ठै । सुसिल विवसहे अपने छाव मानके पूरा मैया डेठैं । सन्ढया अपन उ घरक पटुहियाके जिम्मेवारी पूरा कर्ठि । असिके उ घरेम फेनसे खुशी घुमके आजैठिन ओ सारा परिवार एक डोसरमे रमाइ लग्ठैं । ओराइल ।


संगम चौधरी.....✍️

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